नई नवेली भावी को बुलाने आया नीरज को भीषण गर्मी ने परेशान किया तो नीरज व उसके तीन अन्य साथी बलभद्रपुर के पास पीलाखार नदी में नहाने चले गए। जिस जगह चारों नहाने के लिए नदी में उतरे तो वहां पानी बहुत कम व काफी गर्म था। जिस कारण उन्होंने ज्यादा व ठंडे पानी मे नहाने की चाहत हुई। ठंडे पानी की तलाश में चारों नहाते नहाते 500 मीटर दूर एक गहरे गड्ढे में पहुंच गए। जहां उन्हें ठंडे पानी की राहत तो मिली लेकिन उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि यहां बहुत बड़ा और गहरा कुंडा है जिसमें से निकलना नामुमकिन है। बस देखते ही देखते नीरज और उसका एक अन्य साथी कुंडे में जा घुसे। अन्य साथियों ने दोनों को डूबते हुए देखा तो एक साथी को बाहर निकाल लिया गया परन्तु नीरज को मौत अपनी ओर खींच ले गयी और वह दोपहर ठीक साढ़े बारह बजे कुंडे में ही समा गया। साथियों ने नीरज को ढूंढने की बहुत कोशिश की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। तत्काल युवकों ने फोन कर नीरज के नदी में डूबने की सूचना दी तो ग्रामीण दौड़े दौड़े घटना स्थल पहुंच गए।
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